हरलाखी। नए साल पर कम खर्च में प्रकृति की अनुपम छटा के बीच पिकनिक मनाने के लिए पड़ोसी देश नेपाल सीमावर्ती इलाके के लोगों की पहली पसंद है। सीमावर्ती इलाके से हर साल 50 हज़ार से अभी अधिक लोग नेपाल जाकर नए साल का जश्न मनाते हैं। नए साल के जश्न की तैयारी को लेकर लोग एक सप्ताह पूर्व से ही नेपाल जाना शुरु कर देते हैं और वहां जश्न मनाने लगते हैं। नेपाल की प्राकृतिक सुंदरता, आकर्षक पहाड़, जंगल, सुंदर नदियां व झील—झड़ने आदि पिकनिक मनाने वाले सीमावर्ती इलाके को लोगों की पहली पसंद है। नेपाल कस्टम के अधिकारी अजय कुमार के अनुसार अब तक एक सप्ताह में धूमने के उद्देश्य से 25 हजार लोग जा चुके हैं। 31 दिसंबर तक यह सलिसिला जारी रहेगा। हरलाखी के भारत नेपाल सीमा का मुख्य मार्ग जटही पिपरौन के रास्ते लोगों का नेपाल जाना शुरू हो गया है। इसके लिए पिपरौन बॉर्डर पर एसएसबी के चेकपोस्ट पर वाहनों की एंट्री कराने के बाद थोड़ी ही दूर आगे नेपाल के जटही भंसार (कस्टम) कार्यालय भारतीय लोगों को वाहनों के प्रवेश पर्ची लेकर नेपाल जाने की अनुमति लेनी पड़ती है। नेपाल जाने के लिए पासपोर्ट व वीजा की जरूरत नहीं पड़ती है।नेपाल भंसार (कस्टम) कार्यालय के अधिकारी बताते हैं कि इस बार नए साल पर पिकनिक पर जाने वाले लोगों की संख्या बढ़ी है।नेपाल भंसार से प्रतिदिन 30—40 गाड़िया पिकनिक स्पॉट जनकपुर के बारहबीघा (रंगभूमि) मैदान, पोखरा आते हैं।
सीमावर्ती क्षेत्र के हजारों लोग नेपाल जाते पिकनिक मनाने
12/30/2022 08:15:00 AM
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