गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद के स्तर से इसकी अधिसूचना रविवार को जारी कर दी गयी है। भट्टी का कार्यकाल 30 सितंबर, 2025 तक का है। भट्टी अभी दिल्ली में ही हैं। डीजीपी बनने की इस अधिसूचना के जारी होने के बाद सोमवार (19 दिसंबर) को उन्हें गृह मंत्रालय विरमित करने का आदेश जारी करेगा। फिर डीजी बीएसएफ के स्तर से उन्हें पद से मुक्त करने का आदेश जारी किया जायेगा। इसके बाद उनके देर शाम तक पटना पहुंचकर पदभार ग्रहण करने की संभावना है। अगर सोमवार को उन्हें आने में देर हो गयी, तो मंगलवार (20 दिसंबर) को वे पदभार ग्रहण करेंगे।
मनमोहन और आलोक राज पर वरीयता केंद्रीय कार्मिक विभाग से तीन वरिष्ठ आईपीएस का नाम आया था, जिसमें राज्य सरकार ने आरएस भट्टी को अपनी पसंद बनाया। इन तीन नामों में वर्ष 1988 बैच के मनमोहन सिंह, 1989 बैच के आलोक राज और 1990 बैच के आरएस भट्टी शामिल थे। इन तीनों में जूनियर भट्टी ही हैं। मनमोहन सिंह भी वर्तमान में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं और वे 31 जुलाई 2023 को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। आलोक राज 31 दिसंबर 2025 और आरएस भट्टी 30 सितंबर 2025 को सेवानिवृत्त होंगे। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, किसी राज्य में डीजीपी को कम से कम दो वर्ष के लिए बनाना होगा। इसी वजह से मनमोहन सिंह रेस से बाहर हो गये, क्योंकि उन्हें डीजीपी बनाने पर सेवानिवृत्ति के बाद सेवा विस्तार देना पड़ता। मौजूदा डीजीपी को भी करीब डेढ़ वर्ष का सेवा विस्तार दिया गया था।
बाहुबलियों पर शिकंजा कसने को लेकर चर्चा में रहे
आरएस भट्टी पटना के सिटी एसपी के अलावा सीवान, पूर्णिया, बोकारो (अब झारखंड) समेत अन्य कई जिलों में बतौर एसपी रह चुके हैं। बाहुबली और सीवान सांसद रहे मो. शहाबुद्दीन को दिल्ली से गिरफ्तार करके लाने के कारण खासा सुर््िखयों में रहे थे। इसके अलावा सारण इलाके के दबंग नेता और पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह और मोकामा के पूर्व विधायक बाहुबली अनंत सिंह के बड़े भाई स्वर्गीय दिलीप सिंह पर इन्होंने अलग-अलग मामलों में शिकंजा कसा था।