सुबह जब पान की खेती करने वाले किसान किशन राउत अपने पान की बागान पर पहुंचे तो आग की लपटें अंतिम रूप में धुंआ दे रही थी।लगभग एक कठ्ठा का मचान जल गया था। बचे हुए चार कठ्ठे के पान के पौधे और पत्ते झुलस गए थे। पान के बागान को सुरक्षित रखने के लिए खरपतवार और बांस की टहनियों से मचान का रूप दिया जाता है जो आग के लपटों में पूरी तरह जल गया। पीड़ित किसान ने बताया कि लाखों की लागत से 5 कट्ठा में पान की उन्नत खेती की थी। एक कट्ठा का जलकर राख हो गया और आग की तपिश से बचे हुए पान के पौधे भी मुरझा गए हैं। मुखिया अमेरिका देवी ने किसान का हाल जाना और प्रशासन से उचित राहत की मांग की है। समाजसेवी लाल राय ने कहा कि कृषि विभाग एवं अंचल विभाग को इस आग लगने की जानकारी दी जा रही है।
आग कैसे लगी यह अब तक अज्ञात है। लोगों का अनुमान है की राह चलते किसी लोगों ने जलती बीड़ी सिगरेट फेंक दी होगी अथवा किसी ने जानबूझकर लगाया। इस बात की कोई जानकारी किसान को भी नहीं है। मायूस किसान ने कहा कि पूरे सीजन में 5 कट्ठे की पान के बागान से ही परिवार का भरण पोषण होता था। अब उसके भी लाले पड़ गए हैं। कृषि समन्वयक विजय कुमार ने बताया कि यह अपने तरह का पहला मामला सामने में आया है। कृषि विभाग फसल क्षति का मुआवजा देती है। पान की खेती इस श्रेणी में अगर आती है तो उसका प्रतिवेदन भेजा जाएगा। मुखिया ने कहा आपदा से मदद का प्रयास किया जाएगा। यहां के किसान फसल बीमा भी शायद ही करवाते है।