मधुबनी, जिले में चल रहे सौ से अधिक अवैध नर्सिंग होम व निजी क्लीनिक संचालित हो रहे हैं। इनमें से कई नर्सिंग होम, प्राइवेट क्लीनिक, अल्ट्रासाउंड सेंटर व जांच घर मानकों के अनुरूप नहीं चल रहे हैं। आलम यह है कि मधुबनी शहर में ही करीब 100 से अधिक स्वास्थ्य संस्थान हैं। अधिकतर के पास रज्ट्रिरेशन तक नहीं है। नाम नहीं बताने की शर्त पर स्वास्थ्य कर्मी ने बताया कि सरकारी अस्पतालों से ही मरीजों को बरगलाकर अवैध चल रहे निजी क्लीनिक व नर्सिंग होम में लेकर चले जाते हैं और उनसे मोटी रकम की उगाही करते हैं। मरीज को ले जाने वाले बिचौलियों को भी कमीशन की राशि उपलब्ध कराई जा रही है। हालांकि विभागीय अधिकारियों का दावा है कि विभाग के द्वारा लगातार अवैध तरीके से संचालित विभन्नि तरह के स्वास्थ्य संस्थानों पर शिकंजा कसा जा रहा है। बॉर्डर से सटे हरलाखी क्षेत्र में भी कथित तौर पर पीएएचसी अधिकारियों की मिलीभगत से कई बिना रज्ट्रिरेशन के नर्सिंग होम व क्लीनिक संचालित हो रहे हैं। यही आलम बाबूबरही खुटौना बेनीपट्टी लौकहा झंझारपुर आदि जगहों पर भी है। सिविल सर्जन डॉ सुनील कुमार झा ने बताया कि जिले भर में 307 सरकारी व गैर सरकारी स्वास्थ्य संस्थान निबंधित है। इसमें से 111 सरकारी स्वास्थ्य संस्थान ही शामिल हैं। जिले के सभी 21 प्रखंडों को मिलाकर 85 नर्सिंग होम, 41 निजी क्लीनिक,19 एक्सरे और 50 पैथोलॉजिकल लैब निबंधित है। बाकी स्वास्थ्य संस्था ने कार्यरत हैं सभी अवैध तरीके से संचालित हो रहे हैं।
150 संस्थानों पर हो चुकी है कार्रवाई
जिले के विभन्नि प्रखंडों में संचालित 150 से अधिक विभन्नि स्तर के स्वास्थ्य संस्थानों पर कार्रवाई हो चुकी है। इन स्वास्थ्य संस्थानों की जांच के बाद 50000 का जुर्माना भी लगाया गया है। साथ ही अवैध संचालित इन नर्सिंग होम को अविलंब बंद करने का भी सिविल सर्जन कार्यालय से आदेश नर्गित हो चुका है। इन स्वास्थ्य संस्थानों पर लगाए गए जुर्माने के बाद अब तक सर्फि 30 स्वास्थ्य संस्थानों ने ही जुर्माने की राशि जमा की है।
अनुमंडल स्तर पर बनी है छापेमारी टीम सीएस
सिविल सर्जन डॉ. सुनील कुमार झा ने बताया कि अवैध स्वास्थ्य संस्थानों की जांच व छापेमारी के लिए अनुमंडल स्तर पर टीम बनी हुई है। किसी भी तरह के निजी नर्सिंग होम व क्लीनिक आदि से परिवाद मिलते हैं तो टीम बारीकी से इन जगहों पर जांच करती है। जांच दल में तीन से चार डॉक्टर व अन्य कर्मियों को जगह दी गई है। हाल ही में बेनीपट्टी खुटौना बाबूबरही सहित जिले के कई प्रखंडों में छापेमारी टीम ने जांच के बाद अवैध संचालित स्वास्थ्य संस्थानों पर कार्रवाई करने के लिए अपनी रिपोर्ट सिविल सर्जन को दी है।