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4026 निजी विद्यालयों को नोटिस

 पटना, यू-डायस 2022-23 में बच्चों के आंकड़ों की जानकारी नहीं देने वाले राज्य के 4026 निजी स्कूलों पर गाज गिरने वाली है। इनके यू-डायस कोड को रद्द करने की तैयारी शुरू हो गई है। इनमें पटना जिले से सबसे ज्यादा 401 स्कूल शामिल हैं। इसके अलावा भागलपुर, मुजफ्फरपुर, गया, वैशाली, दरभंगा, मधुबनी, सीतामढ़ी और गोपालगंज के दो-दो सौ से अधिक निजी स्कूलों पर भी कार्रवाई होगी। वहीं अन्य जिलों के भी 50 से 100 निजी स्कूल को नोटिस जारी किया गया है। सभी प्रखंड शिक्षा कार्यालय द्वारा निजी स्कूलों को उनका यू-डायस कोड रद्द किये जाने की जानकारी शुक्रवार से दी जाने लगी है।

बता दें कि बिहार शिक्षा परियोजना परिषद की एक समीक्षा बैठक हुई थी। इसमें पाया गया कि राज्य के 4026 निजी स्कूलों ने बच्चों का आंकड़ा अभी तक भरना शुरू भी नहीं किया है। इस बाबत जिला शिक्षा कार्यालय द्वारा सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी (बीईओ) को आदेश दिया गया है कि वे निजी स्कूलों का यू-डायस कोड रद्द करें। वहीं सीबीएसई, आईसीएसई और बिहार बोर्ड से संबद्ध स्कूलों व बोर्ड को कार्रवाई की सूचना भेजी जा रही है। गौरतलब है कि केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा सभी सरकारी और निजी स्कूलों को यू-डायस भरने का आदेश दिसंबर, 2022 में ही दिया गया था। लेकिन कई निजी स्कूलों की ओर से अभी तक छात्रों की जानकारी नहीं दी गयी है।

यू-डायस कोड पर सभी जानकारी देना अनिवार्य

सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड के द्वारा सभी स्कूलों को यू-डायस कोड अनिवार्य किया गया है। स्कूल को मान्यता लेने के लिए यू-डायस कोड आवश्यक है। साथ ही इस पर सभी जरूरी जानकारी देना भी अनिवार्य है। ऐसे में किसी स्कूल का यू-डायस कोड रद्द किया जाएगा तो इनकी सीबीएसई और आईसीएसई की मान्यता भी खत्म हो जाएगी।

15 दिनों से निजी स्कूलों को बच्चों के आंकड़ों की जानकारी यू-डायस में भरने को कहा जा रहा है। लेकिन अभी तक ज्यादातर स्कूलों ने यू-डायस भरना भी शुरू नहीं किया है। ऐेसे स्कूल पर कार्रवाई करने का आदेश मिला है। प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है।

-अमित कुमार, डीईओ पटना

ग्यारह अंकों का होता है यू-डायस कोड

यू-डायस कोड केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा दिया जाता है। यह ग्यारह अंकों का होता है। पहले के दो अंक राज्य को दर्शाते हैं। इसके बाद के दो अंक जिला और जिले के बाद दो अंक प्रखंड और उसके बाद तीन अंक गांव या शहर को दर्शाते हैं। इसके बाद के दो अंक स्कूल को दर्शाते हैं। यह देशभर के स्कूलों के बारे में एक डेटाबेस है। इसके तहत स्कूलों में मूलभूत सुविधाओं के अलावा शिक्षकों की संख्या, विषय वार शिक्षक और छात्रों को पूरी जानकारी उपलब्ध करवाना अनिवार्य है। यू-डायस भरने की प्रक्रिया ऑनलाइन होती है। हर स्कूल को इसके लिए यूजर आईडी और पासवर्ड मिलता है।

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