![]() |
छठ के मौके पर गुरुवार को मधुबनी में केले की खरीदारी करता युवक। |
पटना समेत राज्यभर में छठ महापर्व को लेकर उल्लास है। पटना के गंगा घाटों पर तैयारियां अंतिम चरण में हैं। राज्य के प्रसिद्ध सूर्य मंदिरों देव, बड़गांव, औंगारी, उलार, पुण्यार्क आदि में इस बार विशेष तैयारी चल रही है। शुक्रवार से यहां श्रद्धालुओं की भीड़ जुटनी शुरू हो जाएगी। छठ व्रती गंगा और तालाबों से जल ले जाकर मिट्टी के बने चूल्हे पर शुद्ध वातावरण में प्रसाद तैयार करेंगे। प्रशासन की ओर से भी गुरुवार की शाम तक छठ घाटों को अंतिम रूप दिया जा रहा था। गुरुवार को दिनभर तैयारी का जायजा लेने के लिए राजधानी के लोग अलग-अलग घाटों पर पहुंचते रहे।
ट्रेनों में पहुंच रही भारी भीड़ छठ महापर्व में शामिल होने के लिए लंबी दूरी की ट्रेनों में यात्रियों का रेला पहुंच रहा है। पर्व स्पेशल ट्रेनें विलंब से चल रही हैं। नियमित ट्रेनों में भारी वेटिंग लिस्ट होने की वजह से ठसमठस भीड़ है। पटना समेत भीड़ वाले प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर सहायता केंद्र बनाये गये हैं। नशाखुरानी गिरोह से बचाने के लिये एस्कार्ट दस्ता रेलयात्रियों को जागरूक कर रहा है। दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरू, चेन्नई, कोलकाता, रांची, पुणे व अन्य शहरों से पूजा स्पेशल ट्रेनें पूरी तरह भरकर आ रही हैं। सामान्य दिनों में एसी थ्री में चलने वाले कई यात्री जनरल टिकट पर दिल्ली से पटना तक यात्रा कर पहुंचे। लोकल ट्रेनों में भी भीड़ है।
विमानों में बुकिंग फुल विमानों में भी बुकिंग फुल है। दिल्ली से पटना के बीच शुक्रवार का हवाई किराया 12 से 15 हजार के बीच है। मुंबई से पटना का टिकट पहले की अपेक्षा थोड़ा सस्ता है। 12 हजार के आसपास कुछ विमानों में टिकट उपलब्ध हैं। हालांकि अधिकतर विमानों में बुकिंग फुल हो चुकी है। हालांकि, विमानन कंपनियों की ओर से किराया घटाने से यात्रियों को थोड़ी राहत मिली है।
गेहूं धोकर सुखाया
घाटों पर भी प्रशासन की ओर से समतलीकरण, बैरिकेडिंग, चेंजिंग रूम और वॉच टावर बनाया गया है। जगह-जगह प्रसाद तैयार करने के लिए गंगा घाटों और छतों पर गेहूं सुखाया जा रहा है। शुक्रवार को नहाय-खाय और शनिवार को खरना के दिन गंगाजल में प्रसाद पकाने की परंपरा है।
जगमग हो रहे घाट
घर से लेकर घाट तक सजकर तैयार हैं। रंगीन रोशनी से घाट जगमगा रहे हैं और छठ गीतों से माहौल भक्तिमय है। व्रतियों को घर-घर गंगाजल उपलब्ध हो, इसके लिए हर मोहल्ले में निगम प्रशासन की ओर से टैंकर के माध्यम से गंगा जल पहुंचाया जा रहा है।
36 घंटे का निर्जला व्रत आज खरना से शुरू होगा
4 दिनों का अनुष्ठान
28 अक्टूबर: नहाय खाय
29 अक्टूबर: खरना
30 अक्टूबर: शाम का अर्घ्य
31 अक्टूबर: सुबह का अर्घ्य